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संत चिदंबर उन दिनों सिद्धपुरुष माने जाते थे। कितने ही लोग उनके पास सहायता हेतु वरदान माँगने जाते। एक दिन एक स्त्री संतान प्राप्त होने का आशीर्वाद माँगने आई। संत ने उसे भुने चने दे दिए और संतोषपूर्वक बैठकर पेट भर लेने को कहा। स्त्री चने खाती रही। कई छोटे बच्चे उधर खेल रहे थे, वे चने पाने के लिए स्त्री को देखते रहे, पर उसने आँखें फेर लीं, किसी को दिए नहीं। विदाई का प्रणाम करने वह स्त्री पहुँची तो संत ने कहा- “देवी! जब तू बच्चों को तनि चने तक देने की उदारता न दिखा सकी तो भगवान तुझे बेशकीमती बच्चा मुफ्त में कैसे देगा ?” भगवान भी उदार व्यक्तियों को ही आशीर्वाद देते हैं।
अमृत कण ( सचित्र बाल वार्ता )
युग निर्माण योजना , मथुरा
5 comments
गुरुदेव की जय हो
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अती सुंदर मार्गदर्शन।
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