इंद्रियाँ आत्मा के औजार हैं, सेवक हैं, परमात्मा ने इन्हें इसलिए प्रदान किया है कि इनकी सहायता से आत्मा की आवश्यकताएँ पूरी हों और सुख मिले। सभी इंद्रियाँ बड़ी उपयोगी हैं। सभी का कार्य जीव को उत्कर्ष और आनंद प्राप्त कराना है। यदि उनका सदुपयोग किया जाए तो मनुष्य निरंतर जीवन का मधुर रस चखता हुआ जन्म को सफल बना सकता है।