महाराज कृष्णदेव राय तेनालीराम की बुद्धि की परीक्षा
लेने के लिए समय-समय पर उनसे बेतुके सवाल किया करते थे। एक दिन उन्होंने तेनालीराम से पूछा – “यह बताओ कि हमारे राज्य में कबूतरों की कुल संख्या कितनी है ? सही संख्या जानने के लिए हम तुम्हें एक सप्ताह का समय देते हैं, यदि तुम गणना नहीं कर पाए तो तुम्हारा सिर कलम कर दिया जाएगा।” तेनालीराम से कुढ़ने वाले दरबारियों ने सोचा कि इस बार तेनालीराम का बच पाना मुश्किल है। एक हफ्ते बाद तेनालीराम फिर दरबार में हाजिर हुए। महाराज के पूछने पर वे बोले – “महाराज! हमारे राज्य में कुल तीन लाख, बाईस हजार, चार सौ चौबीस कबूतर हैं। आप संतुष्ट न हों तो किसी से इनकी गिनती करवा लें। यदि गिनती ज्यादा हुई तो ये वो कबूतर हैं, जो हमारे राज्य में मेहमान बनकर आए हैं और कम हुई तो उन कबूतरों के कारण, जो दूसरे राज्य में मेहमान बनकर गए हैं। ” कृष्णदेव राय तेनालीराम की हाजिरजवाबी सुनकर मुस्करा उठे ।
अखंड ज्योति
जुलाई, २०२१