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गांधी जी नोआखाली में शांति स्थापना के लिए भ्रमण कर रहे थे। पीड़ितों को सांत्वना भी देते। साथ ही छोटी पगडंडियों के इर्द-गिर्द हुए मल-मूत्र को भी पत्तों से समेटकर जमीन में गाड़ते चलते। वे कहते-“सफाई मानवी गुणों में सबसे प्रमुख है। उसके लिए कोई विशेष समय या कार्यक्रम निर्धारित नहीं किया जा सकता। वह किसी भी कार्य के साथ चलते-चलते भी होती रह सकती है। केवल उसकी महत्ता समझी जानी चाहिए।”
अमृत कण ( सचित्र बाल वार्ता )
युग निर्माण योजना , मथुरा