गांधी जी नोआखाली में शांति स्थापना के लिए भ्रमण कर रहे थे। पीड़ितों को सांत्वना भी देते।…
गांधी जी नोआखाली में शांति स्थापना के लिए भ्रमण कर रहे थे। पीड़ितों को सांत्वना भी देते।…
अस्वाद का अर्थ है-स्वाद का गुलाम न होना। अस्वाद का यह अर्थ नहीं है कि हम संसार के भोग्य पदार्थों का सेवन न करें, या षटरसों का पान न करें या जिह्वा की रस-ज्ञान की शक्ति को खो दें। अस्वाद व्रत ऐसा नहीं कहता, वह तो कहता है कि शरीर के पोषण, स्वास्थ्य तथा रक्षा के लिए जिन-जिन पदार्थों की आवश्यकता हो उनका अवश्य सेवन करो,परंतु कभी जीभ के चोचले पूरा करने के लिए किसी वस्तु का सेवन न करो।
A tortoise and a scorpion lived as neighbors on the bank of a river. The tortoise was…
इंद्रियनिग्रह का मूल मंत्र अपने को आवेशों से बचाए रहना है । जिस व्यक्ति के भीतर तरह-तरह के मनोवेगों का तूफान उठता रहता है, उसका मानसिक संतुलन स्थिर नहीं रह सकता और इससे वह इंद्रियों को वशीभूत रखने में भी असमर्थ हो जाता है । इसीलिए जो लोग इंद्रियों को संयत रखना चाहें उनको अपने मनोवेगों पर भी सदैव दृष्टि रखना आवश्यक है।
Duryodhan and Arjun both went to Bhagwan Krishna. They wanted him to join their side in the…
भगवान श्रीकृष्ण के पास दुर्योधन व अर्जुन दोनों पहुँचे। महाभारत युद्ध के पूर्व कौरव व पांडव दोनों…
Sant Chidambar was a very famous spiritual person. People used to pray before him and got blessings…
संत चिदंबर उन दिनों सिद्धपुरुष माने जाते थे। कितने ही लोग उनके पास सहायता हेतु वरदान माँगने…
Once Arjun asked the flute—“Dear ! Krishna always keeps you on his lips. We always try hard…
अर्जुन ने एक बार बाँसुरी से पूछा- “सुभगे! तुम्हें कृष्ण स्वयं हर समय ओठों से लगाए रहते…